Hamein Tumse Pyar Kitna Lyrics, Kishore Kumar Song Lyrics.हमे तुमसे प्यार कितना लिरिक्स, Gaana Lyrics

फिल्म- कुदरत

रिलीज-1981

गायक- किशोर कुमार

संगीत- राहुलदेव बर्मन

गीतकार- मजरुह सुलतानपुरी


1-  हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते

 मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना, हमें तुम से प्यार...

2- सुना गम जुदाई का, उठाते हैं लोग

 जाने ज़िंदगी कैसे, बिताते हैं लोग

 दिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समान

 हमें इंतज़ार कितना, ये हम नहीं जानते

 मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना ,हमें तुम से प्यार...

3- तुम्हें कोई और देखे, तो जलता है दिल

 बड़ी मुश्किलों से फिर, संभलता है दिल

 क्या-क्या जतन करते हैं, तुम्हें क्या पता

 ये दिल बेकरार कितना, ये हम नहीं जानते

 मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना ,हमें तुम से प्यार...

 हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते

 मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना

 हमें तुम से प्यार...

                  Transliteration

1- Hamein tumse pyar kitna, yeh hum nahi jaante

Magar jee nahi sakte tumhare bina, hamein tumse pyar...

2- Suna gham judaai ka, uthaate hain log

Jaane zindagi kaise, bitaate hain log

Din bhi yahan to lage, baras ke samaan

Hamein intezaar kitna, yeh hum nahi jaante

Magar jee nahi sakte tumhare bina, hamein tumse pyar...

3- Tumhein koi aur dekhe, to jalta hai dil

Badi mushkilon se phir, sambhalta hai dil

Kya-kya jatan karte hain, tumhein kya pata

Yeh dil beqaraar kitna, yeh hum nahi jaante

Magar jee nahi sakte tumhare bina, hamein tumse pyar...

Hamein tumse pyar kitna, yeh hum nahi jaante

Magar jee nahi sakte tumhare bina

Hamein tumse pyar...


                      अर्थ ( Meaning)

1- यह पंक्ति प्रेम की गहराई और उसकी अनिश्चितता को दर्शाती है। प्रेमी कहता है कि वह यह नहीं जानता कि उसका प्रेम कितना गहरा है, लेकिन वह इतना जानता है कि अपने प्रेमी के बिना वह जीवित नहीं रह सकता। यह प्रेम की वह अवस्था है जहाँ प्रेमी अपने प्रेम की मात्रा को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता, पर उसकी अनुपस्थिति असहनीय है।

2- इस हिस्से में प्रेमी जुदाई के दर्द की बात करता है। वह कहता है कि उसने सुना है कि लोग प्रियजन से बिछड़ने का दुख सहन करते हैं, लेकिन उसे समझ नहीं आता कि वे इस दर्द के साथ जीवन कैसे जी पाते हैं।प्रिय के बिना एक-एक दिन सालों जितना लंबा और भारी लगता है, जो प्रेमी की तड़प और बेचैनी को दर्शाता है।वह यह नहीं जानता कि उसे कितना इंतज़ार करना पड़ेगा, पर वह अपने प्रिय के बिना जी नहीं सकता। यह प्रेम की वह तीव्रता है जो इंतज़ार को और दुखद बनाती है।

3- यहाँ प्रेमी अपनी ईर्ष्या और असुरक्षा की भावना व्यक्त करता है। जब कोई और उसके प्रिय को देखता है, तो उसे जलन होती है। उसका दिल इस भावना से परेशान हो जाता है, और उसे बहुत प्रयास करके खुद को संभालना पड़ता है। यह प्रेम में स्वामित्व और गहरी लगाव की भावना को दर्शाता है।प्रेमी कहता है कि वह अपने प्रिय को खुश करने और अपने प्रेम को बनाए रखने के लिए कितने प्रयास करता है, पर शायद प्रिय को इसकी जानकारी नहीं है।वह अपनी बेचैनी और तड़प की गहराई को माप नहीं सकता, पर यह सत्य है कि वह अपने प्रिय के बिना जी नहीं सकता।

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