गायक- उस्ताद नुसरत फतेह अली खान
गीतकार- नासिर
1- ग़म है या ख़ुशी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
2- आफ़तों के दौर में
चैन की घड़ी है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
3- मेरी रात का चराग़
मेरी नींद भी है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
4- मैं ख़िज़ाँ की शाम हूँ
रुत बहार की है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
5- दोस्तों के दरमियाँ
वज्ह-ए-दोस्ती है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
6- मेरी सारी उम्र में
एक ही कमी है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
7- मैं तो वो नहीं रहा
हाँ मगर वही है तू ,मेरी ज़िंदगी है तू
8- 'नासिर' इस दयार में
कितना अजनबी है तू,मेरी ज़िंदगी है तू
Transliteration
1- Gham hai ya khushi hai tu
Meri zindagi hai tu
2- Aafaton ke daur mein
Chain ki ghadi hai tu,Meri zindagi hai tu
3- Meri raat ka charagh
Meri neend bhi hai tu,Meri zindagi hai tu
4- Main khizan ki shaam hoon
Rut bahaar ki hai tu,Meri zindagi hai tu
5- Doston ke darmiyaan
Wajh-e-dosti hai tu,Meri zindagi hai tu
6- Meri saari umr mein
Ek hi kami hai tu,Meri zindagi hai tu
7- Main toh woh nahi raha
Haan magar wahi hai tu,Meri zindagi hai tu
8- 'Nasir' is dayaar mein
Kitna ajnabi hai tu
अर्थ ( Meaning)
1- कवि कहता है कि तू प्रिय मेरे लिए गम और खुशी दोनों है। चाहे सुख हो या दुख, तू ही मेरी जिंदगी का आधार और केंद्र है। तू मेरे अस्तित्व का अभिन्न हिस्सा है।
2-मुश्किलों और परेशानियों के समय में, तू मेरे लिए शांति और सुकून का स्रोत है। तू वह पल है जो मुझे तूफानों के बीच राहत देता है।
3- तू मेरे जीवन की रौशनी है, जो मेरी अंधेरी रातों को रोशन करता है, और साथ ही तू मेरी शांति और सुकून भी है। तू मेरे लिए प्रकाश और विश्राम दोनों है।
4- कवि खुद को उदासी और पतझड़ की शाम के समान मानता है, जबकि प्रिय को वह वसंत की ताजगी और सुंदरता का प्रतीक मानता है। तू मेरे जीवन में नई उमंग और रंग लाता है।
5- दोस्तों के बीच तू ही वह वजह है जो दोस्ती को जीवंत और अर्थपूर्ण बनाती है। तू दोस्ती का आधार और उसकी आत्मा है।
6- कवि कहता है कि मेरे पूरे जीवन में अगर कोई कमी है, तो वह तू है। यहाँ कमी का अर्थ शायद तुझ तक न पहुँच पाने की तड़प या तुझसे दूरी का दुख हो सकता है। यह पंक्ति प्रेम की अधूरी चाह को दर्शाती है।
7- कवि कहता है कि समय के साथ मैं बदल गया हूँ, मगर तू वही है—वही प्यार, वही अहसास, वही महत्व। तू मेरे लिए हमेशा अपरिवर्तित और स्थिर है।
8- नासिर जी लिखते है इस दुनिया में तूं कितना अकेला है। तू इस संसार में सबके होते हुए भी बिल्कुल अकेला है।
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