हम तेरे शहर में आएं हैं लिरिक्स। Hum Tere Shehar Mein Aayen Hai Lyrics. Gaanalyrics.in

1- हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

    सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

2- मेरी मंज़िल है कहाँ, मेरा ठिकाना है कहाँ

    सुबह तक तुझ से बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ

    सोचने के लिए इक रात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

3- अपनी आँखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने

    अपनी पलकों पे सजा रखे हैं आँसू मैंने

    मेरी आँखों को भी बरसात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

4- आज की रात मेरा दर्द-ए-मोहब्बत सुन ले

    काँप-कपाते हुए होंठों की शिकायत सुन ले

    आज इज़हार-ए-ख़यालात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

5- भूलना था तो ये इक़रार किया ही क्यों था?

    बेवफ़ा, तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था?

    सिर्फ़ दो चार सवालात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

    सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे

    हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह

                Transliteration

1- Hum tere shehar main aayen hain musafir ki tarah

Sirf ik bar mulaqat ka mauqa de de

Hum tere shehar main aayen hain musafir ki tarah

2- Meri manzil hai kahan, mera thikana hai kahan

Subah tak tuj se bichhad kar mujhe jana hai kahan

Sochne ke liye ik raat ka mauqa de de

Hum tere shehar main aaye hain musafir ki tarah

3-Apni aankhon mein chhupa rakhe hain jugnu maine

Apni palkon pe sajaa rakhe hain aansu main ne

Meri aankhon ko bhi barsaat ka mauqa de de

Hum tere shehar main aaye hain musafir ki tarah

4- Aaj ki raat mera dard mohabbat sun lay

Kap- kapate hue honton ki shikayat sun lay

Aaj izhaar e khayalaat ka mauqa de de

Hum tere shehar main aaye hain musafir ki tarah

5-Bhoolna tha to ye ikraar kiya hi kyon tha?

Bewafa, tune mujhe pyaar kiya hi kyon tha

Sirf do char sawalat ka mauqa de de

Hum tere shehar main aaye hain musafir ki tarah

Sirf ik bar mulaqat kaa mauqa de de

Hum tere shehar main aaye hain musafir ki tarah



                       अर्थ (Meaning)

1- प्रेमी कहता है कि मैं तेरे शहर में एक मुसाफ़िर  की तरह आया हूँ। मैं ज़्यादा नहीं चाहता, बस एक बार तुझसे मिलने का मौका दे दे।

2- वह कहता है कि अब मुझे खुद नहीं पता कि मेरी मंज़िल क्या है या कहाँ जाना है। अगर तुझसे बिछड़ना ही है, तो कम से कम एक रात का समय दे दे, ताकि मैं सोच सकूँ कि अब आगे क्या करना है।

3- प्रेमी कहता है कि मैंने अपनी आँखों में उजाले (उम्मीदें, सपने) और पलकों पर आँसू छुपा रखे हैं। अब मेरी आँखों को भी रोने (दर्द ज़ाहिर करने) का एक मौका दे दे।

4- वह विनती करता है कि इस आख़िरी रात, मेरी मोहब्बत का दर्द, और मेरे काँपते होंठों से निकली शिकायतें सुन ले। मुझे अपने दिल की बात कहने का एक मौका दे।

5- अब वह थोड़ा सवालिया लहज़ा अपनाता है और कहता है—अगर मुझे भूलना ही था, तो मुझसे इकरार-ए-मोहब्बत क्यों किया? तूने बेवफ़ाई क्यों की? बस कुछ सवाल पूछने का हक़ दे दे।




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