फिल्म- सत्यम शिवम सुंदरम
रिलीज- 1978
गायक- लता मंगेशकर
गीतकार- पं. नरेंद्र शर्मा
संगीत- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
1- ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है
जागो उठ कर देखो, जीवन ज्योत उजागर है
सत्यम शिवम सुंदरम, सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम, सत्यम शिवम सुंदरम
2- राम अवध में, काशी में शिव, कान्हा वृन्दावन में
दया करो प्रभु, देखूँ इनको, हर घर के आँगन में
राधा मोहन शरणम, सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम, सत्यम शिवम सुंदरम
3- एक सूर्य है, एक गगन है, एक ही धरती माता
दया करो प्रभु, एक बने सब, सबका एक से नाता
राधा मोहन शरणम, सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम, सत्यम शिवम सुंदरम
Transliteration
1- Ishwar satya hai, satya hi shiv hai, shiv hi sundar hai
Jaago uth kar dekho, jeevan jyot ujagar hai
Satyam Shivam Sundaram, Satyam Shivam Sundaram
Satyam Shivam Sundaram, Satyam Shivam Sundaram
2- Ram Avadh mein, Kashi mein Shiv, Kanha Vrindavan mein
Daya karo Prabhu, dekhoon inko, har ghar ke aangan mein
Radha Mohan sharanam, Satyam Shivam Sundaram
Satyam Shivam Sundaram, Satyam Shivam Sundaram
3- Ek surya hai, ek gagan hai, ek hi dharti mata
Daya karo Prabhu, ek bane sab, sabka ek se nata
Radha Mohan sharanam, Satyam Shivam Sundaram
Satyam Shivam Sundaram, Satyam Shivam Sundaram
अर्थ( Meaning)
1- यह गीत सत्यम (सत्य), शिवम (शिव/कल्याण) और सुंदरम (सुंदरता) के त्रिगुणात्मक सिद्धांत को दर्शाता है। यह कहता है कि ईश्वर सत्य का स्वरूप है, सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदरता का प्रतीक है। यह एक आध्यात्मिक जागृति का आह्वान है कि लोग अपने भीतर की जीवन-ज्योति को पहचानें और सत्य, कल्याण और सुंदरता के इस दर्शन को अपनाएँ। "सत्यम शिवम सुंदरम" का बार-बार उच्चारण इस सिद्धांत को जीवन का आधार बनाने का संदेश देता है।
2- इस दूसरे भाग में विभिन्न रूपों में ईश्वर की उपस्थिति को दर्शाता है। भगवान राम अवध (अयोध्या) में, शिव काशी में, और कृष्ण (कान्हा) वृंदावन में पूजे जाते हैं। यह प्रार्थना है कि ईश्वर की यह दिव्यता केवल तीर्थस्थानों तक सीमित न रहे, बल्कि हर घर और हर हृदय में उनकी उपस्थिति महसूस हो। भगवान कृष्ण और राधा के प्रति भक्ति और समर्पण को दर्शाता है, जबकि "सत्यम शिवम सुंदरम" इस भक्ति को सत्य और सुंदरता के साथ जोड़ता है। यह एक सर्वव्यापी ईश्वर की भावना को व्यक्त करता है।
3- इस तीसरे भाग में विश्व एकता और समानता का संदेश देता है। यह कहता है कि सूर्य, आकाश और धरती एक हैं, और उसी तरह सभी मानव एक ही ईश्वर की संतान हैं। यह प्रार्थना है कि ईश्वर सभी को एकजुट करें और सभी के बीच भाईचारा और एकता स्थापित हो। सबका एक से नाता इस बात को रेखांकित करता है कि सभी प्राणी एक ही परम सत्ता से जुड़े हैं। राधा मोहन शरणम और सत्यम शिवम सुंदरम इस एकता को भक्ति और सत्य के दर्शन के साथ जोड़ते हैं।
कुल अर्थ
यह गीत सत्य, शिव और सुंदरता के दर्शन को जीवन का आधार बनाते हुए, ईश्वर की सर्वव्यापकता, भक्ति और विश्व एकता का संदेश देता है। यह आध्यात्मिक जागृति, भगवान के विभिन्न रूपों (राम, शिव, कृष्ण) के प्रति श्रद्धा, और सभी मानवों के बीच एकता की भावना को प्रोत्साहित करता है। "सत्यम शिवम सुंदरम" का बार-बार दोहराव इस दर्शन को जीवन में अपनाने का आह्वान है, जो सत्य, कल्याण और सुंदरता का प्रतीक है।
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